Bouji ka phone ( My dad's phone )
बौजी का फ़ोन
खुशियो का खजाना ,
उम्मीदो का ठिकाना
ज़िंदादिली का तराना
भला बूझो तो है कौन?
नहीं मालूम ?
वो तो है मेरे बौजी का फ़ोन !!
गुड मॉर्निंग से उनकी सुबह सूरज जैसे है उगता,
गुड इवनिंग सुन झट से शाम को ढल जाता !
ताजे हवा के झोंके सी उनकी भोली बातें ,
जगाती सबके दिलमें जीने की नयी ख्वाइशें!
तपती दुपहरी में ठंडी हवा का झोका ,
बौजी का प्यार सच्चा , नहीं उसमे कोई धोखा!
देख अपने बौजी को मैं तो यह जान पायी ,
उम्र उनकी उनसे ज़िंदादिली ना छीन पायी!
हम सबके लिए बन गए है वो इक मिसाल,
रोज फ़ोन कर वही तो पूछते सबका हाल!
रब्बा हमारे बौजी को ऐसे ही खुश रखना ,
उनके अंदर का नन्हा बच्चा हमेशा जगाये रखना!
रोज सुबह शाम उनकी बुलंद आवाज हम सुनते रहे,
देख उनको हम भी अपने आप को मजबूत करते रहे!
ज़िन्दगी के थपेड़ो का सामना हंसकर करते रहे,
अपने बौजी की तरह हम भी रोज अपनों को फ़ोन करते रहे!
हमारे अपनों को अपने होने का एहसास करते रहे,
चारो ओर यूही सच्चा प्यार बांटते रहे!!
Written by
मधु आनंद चंढोक
Khushiyo ka khajana,
Umeedo ka tikhana,
Zindadili ka tarana,
Bhala bhujho toh hai kon?
Nahi malum?
Woh toh hai mere Bouji ka phone .
Good morning se unki subah Suraj jaise hai ugatha,
Good evening sun jhat se shaam Ko dhal jata .
Taaje hawa ke jhonke se unki Bholi baatein,
Jagati hum sabke dil mein jeene ki nayi khawaishe.
Tapati dupahari mein thandi hawa ka jhoka,
Bouji ka pyar saccha , nahi usme koi dhoka.
Dekh apne Bouji Ko main toh yeh jaan payi,
Umar unki unse zindadili na cheen payi.
Hum sabke liye ban Gaye hai woh ek missal,
Sabko Roj phone kar wahi toh puchate sabka haal.
Rabba hammare Bouji Ko aise he khush rakhna,
Unke andar ka nanha baccha hamesha jagaye rakhna.
Roj subah shaam unki buland awaj hum sunate rahe,
Dekh unko hum bhi apne aap Ko majboot karte rahe.
Zindagi ke thapedo ka samana hans kar karte rahe,
Apne Bouji ke tarah hum bhi Roj apno Ko phone karte rahe.
Hammare apno Ko apne hone ka ehsaas dilate rahe,
Charo aur yuhi saccha pyar bantane rahe .:)
खुशियो का खजाना ,
उम्मीदो का ठिकाना
ज़िंदादिली का तराना
भला बूझो तो है कौन?
नहीं मालूम ?
वो तो है मेरे बौजी का फ़ोन !!
गुड मॉर्निंग से उनकी सुबह सूरज जैसे है उगता,
गुड इवनिंग सुन झट से शाम को ढल जाता !
ताजे हवा के झोंके सी उनकी भोली बातें ,
जगाती सबके दिलमें जीने की नयी ख्वाइशें!
तपती दुपहरी में ठंडी हवा का झोका ,
बौजी का प्यार सच्चा , नहीं उसमे कोई धोखा!
देख अपने बौजी को मैं तो यह जान पायी ,
उम्र उनकी उनसे ज़िंदादिली ना छीन पायी!
हम सबके लिए बन गए है वो इक मिसाल,
रोज फ़ोन कर वही तो पूछते सबका हाल!
रब्बा हमारे बौजी को ऐसे ही खुश रखना ,
उनके अंदर का नन्हा बच्चा हमेशा जगाये रखना!
रोज सुबह शाम उनकी बुलंद आवाज हम सुनते रहे,
देख उनको हम भी अपने आप को मजबूत करते रहे!
ज़िन्दगी के थपेड़ो का सामना हंसकर करते रहे,
अपने बौजी की तरह हम भी रोज अपनों को फ़ोन करते रहे!
हमारे अपनों को अपने होने का एहसास करते रहे,
चारो ओर यूही सच्चा प्यार बांटते रहे!!
Written by
मधु आनंद चंढोक
Khushiyo ka khajana,
Umeedo ka tikhana,
Zindadili ka tarana,
Bhala bhujho toh hai kon?
Nahi malum?
Woh toh hai mere Bouji ka phone .
Good morning se unki subah Suraj jaise hai ugatha,
Good evening sun jhat se shaam Ko dhal jata .
Taaje hawa ke jhonke se unki Bholi baatein,
Jagati hum sabke dil mein jeene ki nayi khawaishe.
Tapati dupahari mein thandi hawa ka jhoka,
Bouji ka pyar saccha , nahi usme koi dhoka.
Dekh apne Bouji Ko main toh yeh jaan payi,
Umar unki unse zindadili na cheen payi.
Hum sabke liye ban Gaye hai woh ek missal,
Sabko Roj phone kar wahi toh puchate sabka haal.
Rabba hammare Bouji Ko aise he khush rakhna,
Unke andar ka nanha baccha hamesha jagaye rakhna.
Roj subah shaam unki buland awaj hum sunate rahe,
Dekh unko hum bhi apne aap Ko majboot karte rahe.
Zindagi ke thapedo ka samana hans kar karte rahe,
Apne Bouji ke tarah hum bhi Roj apno Ko phone karte rahe.
Hammare apno Ko apne hone ka ehsaas dilate rahe,
Charo aur yuhi saccha pyar bantane rahe .:)