Tuesday, 28 July 2015

सलाम अब्दुल कलाम तुम्हे लाखो सलाम




जैनुलबिद्दीन मारकयर् और आशिअम्मा जैनुलबिद्दीन(अब्दुल कलाम के माता- पिता )    ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन उनका बेटा" First citizen of India" बनेगा . भारतीय  वैज्ञानिक और प्रशासक अब्दुल कलाम ने २००२ से २००७ तक ११वे   प्रेसीडेंट की हैसियत से भारत की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया!
इसरो के लिए किया गया उनका योगदान काबिले तारीफ   है प्रोजेक्ट Devil , प्रोजेक्ट Valiant , रोहिणी 1 का लांच और मिशन अग्निऔर पृथ्वी , जिसके लिए उन्हें प्यार से " मिसाइल मैन ऑफ़ इंडिया" के नाम   से भी पुकारा जाता था .

एक सामान्य व्यक्ति जो   ऐसे परिवार से आता है जिसकी आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी  नहीं थी पर उसने जीवन में कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और ढृढ़ निश्चय से वह कर दिखाया जिस पर आज हर भारतवासी को उन पर नाज़ है!   SaintJoseph college Tiruchirapalli से 1954   में ग्रेजुएशन किया परउनके अंदर तो और ज्ञान बटेरने   की चाह थी , इसलिए फिर मद्रास इंस्टिट्यूट  ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MIT) से फिर ग्रेजुएशन करी और डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन (DRDO)में चीफ साइंटिस्ट के पद पर नियुक्त हुए !. पर शायद उनके अंदर कुछ कर गुजरनेका इतना जनून था कि वो उस   पद से भी संतुष्ट नहीं  थेइसके   बाद उनकी नियुक्ति हुई इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन ( ISRO) में , प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर इसरो में बिताये हूए साल उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण वर्ष रहे जहाँ उन्होंने   काफी  प्रोजेक्ट्स को लीड किया और हर बार सफल भी रहे!

 1970 में 2 प्रोजेक्ट : प्रोजेक्ट Devilऔर प्रोजेक्ट Valiant
रोहिणी 1 ,तो जैसे एक माइलस्टोन बन गया   जिसे SLVराकेट के इस्तेमाल से स्पेस में लांच किया गया!

कितना लिखू उनके बारे   में उतना कम   है एक ग्रेट  साइंटिस्ट  , स्कॉलर . स्टेट्समैन और एक सच देशभक्त ( true patriot ) जिसने करोंड़ो लोगो को अपने ज्ञान और काम से प्रभावित   और प्रेरित किया , आज हमारे बीच नहीं है , पर हमारे दिलो में वोः हमेशा जीवित रहेंगे!  

अंत में दो   पंक्तिया उस महान नायक के लिए ;
चला गया दे इस दुनिया को ज्ञान और प्यार का पैगाम,     ,
हर हिंदुस्तानी  के प्यारे   अब्दुल कलाम तुम्हे   लाखो सलाम

Written by
मधु   आनंद   चंढोक  
तारीख : २८   जुलाई२०१५
समय : दोपहर १.३०  

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