Saturday, 25 April 2015

NEPAL TRAGEDY(तीसरी आँख ) Teesari Aankh


तीसरी आँख 
( a write up on नेपाल ट्रेजेडी  

ज़िन्दगी देने वाले  क्यों धरती  हिला डाली,
चारो  ओर क्यों लाशो  की नगरी सजा डाली!

क्यों कर रहा  अपने  बच्चो  को हैरान ,
अब  तो रहम कर ऐ मेरे  भगवान!


देख ऐसी बर्बादी ( destruction)  दहल रहा है मन,

दुनिया  चलाने वाले तू है रक्षक  ,भक्षक ना तू  बन !

एक  तू ही तो है हम  भटको  का सहारा ,
भूकम्प ,बाढ़ , आगजनी , क्या  है तेरा  इशारा?


मानते  है अधर्म  और अत्याचार  फैला रहा है मानव ,
ना सजा दे  बेकसूरो को ,मचा  भूकम्प  का तांडव!

मौत  के  खौफ में  जी  रहा आज इंसान ,
ना जाने  कब कहा से आ जाये कोई  नया  तूफ़ान !

कर्म करो  अच्छे ,ना दुखाओ दिल किसी का,
कौन जाने  कब बुलावा  आ जाये उसके  घर  का!


ना कर ऐ बन्दे ,इस  पैसे  का गुमान ,
यह  शानो  शौकत , यह तेरे बड़े -बड़े मकान!


सब  धरे  रह जायेंगे , कुछ  भी  ना बचेगा ,
उस मालिक  का कोप ( wrath) जब तुझ  पर  बरसेगा !



इक पल  में कैसे  लोग  हो जाते  है बर्बाद ,
उसके कहर से डर,  रख  सदा  उसे  तू याद!

प्रगति  के नाम  पर ना कर प्रकति  से छेड़ -छाड़,

ऐसा  ना हो खुल  जाए ,फिर  उसकी  तीसरी  आँख !

Written by 

मधु आनंद चंढोक 







Zindagi dene wale kyon dharati hila Dali ,
Charo aur kyon laasho ke nagari saja Dali .
Kyon kar raha apne baccho Ko hairan,
Ab toh rehem kar aey mere Bhagwan.


Dekh aisi  barbadi ( destruction)  dehel raha hai maan ,
Duniya chalane wale Tuh  hai rakshak  Tuh toh na bhakshak ban.
Ek tuh he toh hai hum bhatko ( Lost from the path),ka Sahara 
Bhukamp( Earth quake),Baadh,(Flood),Aagjani  Kya hai tera ishara.










Manate hai  Adharm aur Atyachar  phaila raha hai Manav( Mankind),
Na saja de bekasuro Ko macha bhukamp  ka Tandav(Anger).


Maut ke khauf mein Jee raha aaj Insaan,
Na jane kab kaha se aa jaye naya toofan.
Karam karo  acche na dukhao dil kissi ka,
Kon jaane kab bulawa aa jaye uske ghar ka.


Na kar aey bande paise ka guman,
Yeh shano shaukat yeh tere bade bade makan.
Sab dhare reh jayenge kuch bhi na bachega,
Us Malik ka Kaup ( wrath) jab tujh par barsega.


Ek pal mein kaise log ho jaate hai barbaad,
Uske keher se daar rakh sada use tuh yaad.
Pragati ( growth) ke Naam par na kar prakarti ( nature) se chedh Chardh,
Aisa na ho khul jaaye uski Teesari Aankh.








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